BRABU: स्नातक सत्र 2022-25 के छात्रों का अटक जाएगा रजिस्ट्रेशन, 3 हजार छात्रों का यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड से नाम गायब, यहां जाने क्या पूरा मामला
BRABU: स्नातक सत्र 2022-25 के छात्रों का अटक जाएगा रजिस्ट्रेशन, 3 हजार छात्रों का यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड से नाम गायब, यहां जाने क्या पूरा मामला

BRABU: बिहार यूनिवर्सिटी के करीब तीन हजार विद्यार्थी कॉलेज में नामांकन देने के बाद विवि के रिकॉर्ड से गायब हो गए हैं। इन छात्रों ने ऑन स्पॉट राउंड के तहत कॉलेजों में दाखिला लिया था।
कॉलेजों ने अपने यहां इन विद्यार्थियों का दाखिला तो ले लिया। लेकिन, इनके दाखिले को यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर अपडेट नहीं किया। इससे इनके नाम यूनिवर्सिटी की साइट पर नजर नहीं आ रहे हैं।
विद्यार्थियों के एडमिशन को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया
इसकी जानकारी होने पर विवि में एडमिशन लेने वाली इकाई यूएमआईएस ने छानबीन की तो आठ ऐसे कॉलेज सामने आए जिन्होंने विद्यार्थियों के एडमिशन को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था।
यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे ने बताया
इन कॉलेजों को नोटिस देकर विद्यार्थियों के दाखिले को पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया गया। बीआरएबीयू के यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे ने बताया कि इन कॉलेजों को एडमिशन को अपडेट करने का निर्देश दिया गया है। एक हफ्ते में जिन छात्रों के नाम पोर्टल पर नहीं डाला जाएगा उनका एडमिशन मान्य नहीं होगा। बताया कि आरडीएस और एलएस कॉलेज भी विद्यार्थियों नाम पोर्टल पर अपडेट करना भूले गए हैं।
नाम नहीं चढ़ने से अटक जाएगा रजिस्ट्रेशन
यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर विद्यार्थियों का एडमिशन अपडेट नहीं होने से उनका रजिस्ट्रेशन अटक जाएगा। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों ने बताया कि जब तक यूनिवर्सिटी के पास विद्यार्थियों के एडमिशन की सूचना नहीं आएगी उसे वैध नहीं माना जायेगा।
पिछले वर्ष भी कई विद्यार्थियों का एडमिशन कॉलेजों के पोर्टल पर नाम नहीं चढ़ने से अटक गया था। बाद में छात्रों के एडमिशन पोर्टल पर डाला गया जिसके बाद उनका दाखिला वैध हुआ। कॉलेजों को निर्देश दिया गया था कि वह एडमिशन के साथ ही विद्यार्थियों के नाम यूनिवर्सिटी पोर्टल पर डाल दें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
सब्सिडियरी विषय में गड़बड़ी
UMIS कोऑर्डिनेटर ने बताया कि कॉलेजों ने कई छात्रों के ऑनर्स के साथ सब्सिडियरी का कॉम्बिनेशन को गलत कर दिया है। इसे भी ठीक किया जाना है।
हमलोगों ने एक हफ्ते का समय कॉलेजों को दिया है। वह इन सब गड़बड़ियों को ठीक कर उसे यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। कॉलेजों की ओर से विषय सही नहीं होने पर यूनिवर्सिटी से इसे ठीक करने में काफी परेशानी होगी।
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